जी इ आर डी ( गैस्ट्रो इसोफेजियल रिफ्लक्स डिसॉडर ) । ये प्रॉब्लम है क्या ? हम खाना खाते है और खाने की नाली है , वो नाली जाके पेट में जुड़ती है वह पर एक वाल्व होता है। उसको कार्डियक स्फिंक्टर कहते है। उसके जो शेप ” वि ” के तरह है। “वि ” की तरह होने से खाने नीचे जा सकता है लें ोप्पर आने से रोकने से उसके फर्मेशन ऐसी है। जब पेट के अंदर बहुत साड़ी एसिड होता है या पेट के अंदर बोहत सारा गैस होता है और जब पेट भरा हुआ हो और तुरनत लेटने की कोशिश करे तो खाना या तेज़ाब या गैस ोप्पर के तरफ धक्का मारेगी और उस वाल्व को ज़बरदस्ती खोल देगी। जिसके चलते आपके गले में , आपके मू में एसिड क्यया हुआ खाना , उसका स्वाद , या गैस के साथ आने वाले खाने के कण। ये सब चीज़े आ सकते है। अगर हम बिमारी की एक्सप्लेनेशन को ध्यान से सुने तो उसी में ही इस बिमारी की प्रिकॉशन भी है। पेही चीज़ की खाना खाने के बाद तुरंत नहीं लेटना है। खाना खाने के बाद और सोने की बीच में काम से काम ३ घंटे की गैप रखने से खाना पेट में नहीं रहता। वो चालला जाता है और उसे जी इ आर डी की चांस नहीं होता है। दूसरा खाने के साथ पानी मत पीजिये ताकि खाने की वॉल्यूम न बढे और एसिड ऊपर के तरफ न आये। तीसरा , दो खाने के समय के बीच में इतना लम्बा गैप नहीं होना चाहिए के पेट में गैस बन जाए। जैसे ही आप खाना खायेगी , गैस ऊपर आएगी और उसके साथ बचा हुआ एसिड भी ऊपर आएगा और इन सब चीज़ों को समझना होगा की जी इ आर डी एक फंक्शनल डिसॉडर है। अगर आप कुछ सही कर रहे है तो ये सही और आप कुछ गलत कर रहे है तो ये गलत। इसका इलाज होमेओपेथी में ३ स्टहर पे करते है। सबसे पहला स्तर जहा पे आपको सिर्फ एसिड आता है तो एसिड को काम करने केलिए तो आपके खान पान पे ध्यान देना चाहिए क्यूंकि होमेओपेथी नेचुरल प्रोसेसेज के साथ काम करती है। दवाईया काम से काम देने में विश्वास करती है। दूसरी चीज़, अगर आपकी पेट के लाइनिंग में सूजन आती है तो उसको हम इलाज कर सकते है क्यूंकि वो फिर से वो फंक्शनल है। हर ३ घंटे के अंदर हम तेज़ाब अपने पेट में बनाते है और वो तेज़ाब ज़रूरी है लेकिन वो तेज़ाब के ज़्यादा होने से और उसे काम न देने पे परेशानी होगी। तीसरी चीज़ है की वो चीज़ें जिनसे तेज़ाबी बढ़ जाती है सिगरेट , दारू , बोहत मिर्च का खाना , बहुत टाला हुआ खाना , बहुत सारा खाना खाना। इन सब चीज़ों से आप बढ़ सकता है और अगर आप इन चीज़ों बो बहुत ईमानदारी से निभाए तो मुश्किल से दो या तीन महीने में जी इ आर डी का इलाज मुनासिल बने।