दानव और लापता ‘कुकीज़’: Learn Hindi with subtitles – Story for Children & Adults ‘BookBox.com’
A monster is stealing Rara’s favorite cookies! To get them back, she’ll have to travel through a fantastic forest with swamps, pom-pom hills, lava lakes, and a tall tower made of stone.
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दानव और लापता ‘कुकीज़’
लेखिका त्रिया द्वी पी.
एक दिन बड़े सवरे
रारा अपनी मनपसन्द किताब
पढ़ रही थी।
अचानक उसने एक आवाज़ सुनी…
“रोआआर! मुझे ‘कुकीज़’ चाहियें!
मैं उन्हें अपनी मीनार पर ले जाकर
गपागप खा लूँगा।”
वह कौन था?
और क्यों वे उसकी मनपसन्द ‘कुकीज़’
खा रहे थे?
रारा अपनी ‘कुकीज़’ वापस चाहती है,
उन बिखरे हुए टुकड़ों का
पीछा करते-करते
वह अपनी आलमारी तक पहुँच गयी।
अन्दर उसने एक भव्य जंगल देखा!
आगे क्या देखा उसने…
एक दानव
एक दलदल पार कर रहा था।
उसने चुपचाप उसका पीछा किया।
रारा कूद-कूद कर पानी से बचती रही।
बहुत दूर
फिर उसे दानव दिखलायी दिया।
वह सफ़ेद झाड़ियों से ढके हुए
एक पहाड़ पर चढ़ रहा था।
पहाड़ के चारों ओर
लावा की एक झील थी!
दानव के पास तक जाने के लिए
रारा को एक सँकरा पुल
पार करना होगा।
रारा ने देखा कि झाड़ियाँ
फुँदनों की तरह नरम
और रुएँदार हैं!
वह रुक कर आराम करना चाहती है।
लेकिन वह अपनी ‘कुकीज़’
वापस चाहती है।
लेकिन रारा उस झील को
पार कैसे करेगी?
वे फुँदने पैर रखने के लिए
एकदम सही निकले!
झील के उस पार सुरक्षित पहुँच कर
रारा ने एक गुफा देखी।
वह अन्दर जाकर छिप गयी,
अपनी ‘कुकीज़’ हथियाने के लिए
वह उचित समय की
प्रतीक्षा करने लगी।
गुफा के अन्दर से
रारा दानव की गतिविधि देख रही है।
क्या कर रहा है वह?
दानव के चले जाने के बाद
रारा गुफा से बाहर निकली।
कुकीज़’ मीनार के ऊपर रखी हैं!
रारा वहाँ तक कैसे पँहुचेगी?
रारा ने पत्थरों का एक ढेर बनाया।
उनसे होती हुई
वह ऊपर तक चढ़ गयी।
कुकीज़’ के पास पहुँचते ही…
“रोआआर! दानव-पिता भूखे हैं!
मुझे ‘कुकीज़’ दो!”
रारा ने पिता को एक ‘कुकी’ दे दी।
“आपने ‘कुकीज़’ इतनी ऊपर
क्यों रखीं डैड?”
“ताकि तुम बहुत सारी नहीं खा जाओ।”
माँ ने पुकारा,
“दोपहर के खाने का समय हो गया!”
खाने पर रारा ने सबको
अपने अद्भुत अभियान की कहानी सुनायी।
और उन सभी ने
मीठे में ‘कुकीज़’ खायीं।
Story: Triya Dwi P
Illustrations: Ujwal Tamang
Translation: Vandana Maheshwari
Narration: BookBox (Sweta Sravan Kumar)
Music: Rajesh Gilbert
Animation: BookBox
This book was created at a Let’s Read BookLab in Indonesia
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