जुड़वाँ परिया हिंदी कहानी || Bedtime Cartoon Moral Stories Hindi Kahaniya- Animated Hindi Moral
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जुड़वाँ परिया हिंदी कहानी || Bedtime Cartoon Moral Stories Hindi Kahaniya- Animated Hindi Moral

जुड़वाँ परिया हिंदी कहानी || Animated Hindi moral stories- Hindi fairy tales Story
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Stories In this video Each frame Draw by Hindi Story Channel Animators
Story Board : Sikha Naari
Editor : Prabhu Da Samal and team
Story : Sikha Naari
Music & Voice : Neena Sabherwal

Hindi Story is an official Hindi channel of Shrisansa Animstudio Private Limited.
Hindi story channel is making good animation videos.
Hindi Story channel videos have moral stories.
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जड़वााँ परिया एक फाय ऩयी रोक भ एक अध्बत करयश्भा हआ ,औय नीलरभा ऩयी क घय एक फच्चे
का जन्भ हआ जो जड़वाॉथेऔय दोनों ही रार औय सतयी ऩखो क साथ ऩदा हमी थी औय दोनों ही रड़ककमा थी । आज तक ऩयी रोक भ ऐसा नहीॊहआ था। दोनों ही
फच्चेफहत स्वस्थ औय खफसयत थेऩय उनक शयीय दाहहनी तयप स ऩयी तयह जड़ा हआ था , धीय धीय फच्चेफड़ होनेरग वो साथ भ खरती,खाती हसती ,गाती औय एक
दसयी की ऩक्की सहलरमा फन गमी थी ,ऩय जफ वो व्मस्क हमी तो उनक वववाह क लरए एक ऐसा रड़का तराशा जानेरगा वो दोनों स ही वववाह कय र ,आखखय ऩथ्वी
ऩय यहनेवारा सयस दश का याजा इसक लरए भान गमा औय उसनेउनस वववाह कय लरमा , एक फाय सतयी ऩयी की याजा स रड़ाई हो गमी क्मकक उस धयती रोक अच्छा
न रगता वो वाऩस ऩयी रोक जाना चाहती थी ,औय उसनेऩयी रोक वाऩस जानेका ननर्म र लरमा। रार ऩयी धभसकट भ ऩड़ गमीक्मकक वो अऩनेऩनत को छोड़ कय
नहीॊजाना चाहती थी ,उसनेसतयी को सभझनेकी फहत कोलशश की ऩय वो ना भानी ,तो याजा नेसोचा की याजम वध की भदद री जाए ,
याज्म वध नेकहा : प्माय याजन म भ नहीॊकय सकता, ऩय ढार ऩवत ऩय यहनेवारी गोरयका जादगयनी आऩकी भदद कय सकती ह . याजा नेगोरयका को फरानेसननक बज हदए ,गोरयका नेयाजा स कहा :याजा भ लसप
इतना ही कय सकती ह की इनभ स एक को दसय क शयीय भ लभरा द औय म एक फन जाए फोलरम आऩ ककस ऩयी क साथ यहना चाहत ह ,याजा नेतयत रार का नाभ
लरमा औय जादगयनी नेअऩनेजाद स सत्री ऩयी को रार ऩयी क शयीय भ रप्त कय हदमा अफ वो हदक नहीॊयही थी ऩय रार क अदय ही जीववत थी.
याजा नेसोच की भश्श्कर का हर हो गमा ,ऩय अफ औय ऩयशानी हो गमी सत्री क्रोध क कायर् रार को याजा स फात ना कयनेदती औय रार क साथ फहत रड़ाई कयती
,रार का भन कही ना रगता। आखखय थक हाय कय याजा नेउन्ह ऩयी रोक वाऩस बज हदमा ऩय सतयी की रार स हदभागी रड़ाई खत्भ न हमी , रार खाना खाती तो
सत्री उस रार क ऩट भ न जानेदती ,रार क ऩखो ऩय बी सतयी क ऩायो की झरक
हदखती सीधी साधी रार सत्री को खश कयनेक लरए खद को बरती जा यही थी। ऩयी यानी को जान म ऩता चरा तो उन्होंनेरार क अदय स सतयी को फाहय ननकारा
औय कहा की भ तभ दोनों को अरग कय दती ह ऩय इसस लसप एक ही श्जन्दा यहगा फोरो ककस जीना ह सत्री नेकहा म रार तो ऩहर ही भझ भाय चकी थी अफ भयी
फायी ह ,यानी भाॉनेतरवाय स दोनों को अरग कय हदमा , सत्री तयत उड़ कय अऩने घय चरी गमी , औय रार उसकी सराभती की दआए भागनेरगी, यानी ऩयी का त्माग
दख कय फहत खश हमी औय उन्होंनेरार को बी जीवन दान द हदमा ,औय वो वाऩस याजा क ऩास चरी गमी औय इस प्रकाय ,म जड़वा ऩरयमा आयाभ स जीवन बफताने
रगी