परी की तपस्या हिंदी कहानी || Hindi Kahaniya- Animated Hindi Moral Stories- fairy tales in Hindi
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परी की तपस्या हिंदी कहानी || Hindi Kahaniya- Animated Hindi Moral Stories- fairy tales in Hindi

परी की तपस्या हिंदी कहानी || Animated Hindi moral stories- Hindi fairy tales Story
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Stories In this video Each frame Draw by Hindi Story Channel Animators
Story Board : Sikha Naari
Editor : Prabhu Da Samal and team
Story : Sikha Naari
Music & Voice : Neena Sabherwal

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Hindi Story channel videos have moral stories.
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hindi kahani :
परी की तपस्या फहत सभम ऩहर की फात ह ,सम नगय भ याज्म भददय क ऩजायी की एक फटी थी
जजसका नाभ था विद्मा ,विद्मा नाभ कि अनरूऩ ही सि गण सऩन्न थी ,औय बगिान की ऩयभ बक्त बी थी ,एक फाय विद्मा जफ सम को जर चढ़ा यही थी उसने
दखा की दय आसभान भ एक फहत ही खफसयत स्त्री उड़ती हमी चरी जा यही ह , विद्मा नेइस प्रकाय उड़ती हमी स्त्री ऩहर कबी नहीॊदखख थी ,उसनेसोचा की भझ
इतनी विद्माम आती ह ऩय आज तक भझ म आस्त्भाॊभ उड़नेकी विद्मा क फाय भ ककसी नेनहीॊफतामा ,औय इसीलरए भ इस विद्मा भ कच्ची ह ,औय ककसी बी तयह
म विद्मा भ सीखना चाहती ह ,औय इस प्रकाय भन भ सोच कय अऩनेवऩता याज्म क प्रभख ऩजायी विद्मानद जी का इतज़ाय कयनेरगी।
शाभ को वऩता क आत ही विद्मा नेवऩता जी को अऩनेदखेहए ऩय अनबि को फतामा ,औय स्त्िमॊबी उड़नेकी इच्छा जताई औय म विद्मा सीखनेकी जज़द कयने
रगी ,ऩजायी नेउस राख सभझामा की िह कोई विद्मा नहीॊह ,िह तो ऩयी ह ईश्िय स उन्ह इस तयह उड़नेकी शजक्त लभरी हमी होती ह.
ऩय विद्मा ना भानी तो उसका भन यखनेक लरए ऩजायी जी नेकहा की ठीक ह भ तम्ह फताता ह :”:सनो उसक लरए कदठन तऩस्त्मा कयनी ऩड़ती ह तज़ धऩ,फयसात , बख प्मास सफ कछ छोड़ क जगर भ सारो तऩस्त्मा कयनेक ऩश्चात अगय प्रब खश
होत ह तो म ियदान लभर ऩता ह”
ऩजायी नेसोचा की विद्मा म सफ सन कय डय जाएगी औय अऩना इयादा छोड़ दगी
ऩय ,अगर ददन सफह विद्मा घय स चरी गमी औय शगन ऩित ऩय फठ कय तऩस्त्मा भ रीन हो गमी ,ऩजायी नेउस फहत सभझामा ऩय विद्मा नेअऩनी जज़द ना छोड़ी
औय , वऩता स कहा : “वऩता जी भ तऩ कय क उड़नेिार ऩख र कय ही घय आऊगी ,”
आखखय वऩता नेविद्मा को उसक हार ऩय छोड़ ददमा औय घय िाऩस आ गए। इधय सभम गजयनेरगा विद्मा बख प्मास सफ बर क आधी तफ़ान धऩ की ऩयिाह
ककम फगय कदठन तऩस्त्मा भ रीॊथी ,इधय ऩरयमों की यानी को जफ म ऩता चरा तो
िह फहत ऩयशाॊहो गमी औय सोचनेरगी की अगय बगिान नेखश हो कय विद्मा
को ियदान द ददमा तो ,ऩरयमों की जाती का भान ही खत्भ हो जामगा जो चाहगा तऩस्त्मा कय ऩयी की बातत शजक्त प्राप्त कय रगा।
इसलरए उन्होंनेविद्मा की तऩस्त्मा को बग कयनेक लरए ,जादई जानियो को उस डयानेबजा ऩय विद्मा नेआखेना खोरी ,कपय उन्होंनेविद्मा ऩय अजनन िर्ायकयी
,विद्मा तफ बी विचलरत ना हमी ,अफ यानी खद ही विद्मा की तऩस्त्मा बग कयने गमी ,यानी को ऩता था की विद्मा फहत दमार ह इसलरए यानी नेएक फदढ़मा का िश
फनामा औय विद्मा क साभनेफठ कय ज़ोय ज़ोय स योनेरगी : अय विद्मा ,भयी यऺा कयो भ बख स फहार इस जगर भ अकरी ह ,भय दोनों ऩय बी टट गए ह,फटी मदी
शीघ्र ऩानी ना लभरा तो भ जरूय भय जाउगी. ” िही हआ
दमार विद्मा क कान भ म आिाज़ आत ही िो अऩनी तऩस्त्मा क फाय भ बर गमी िह तयत उठ खड़ी हमी औय फोरी ,: भाॉधम यखो भ तयत तम्हाय लरए ऩानी खोज क
राती ह ” ऩयी फोरी : ऩय फटी तभनेअऩनी तऩस्त्मा तोड़ दी ,इतनेददन इतनी कदठन तऩस्त्मा
की औय लसप भयी भदद क लरए तोड़ ददमा” विद्मा फोरी : भाॉऐस ऩखो को र क बी क्मा पामदा जफ भय साभनेही कोई प्राण त्माग द ,औय भ भदद तक ना कय ऩाऊ ”
ऩयी विद्मा की फातो स फहत प्रस्त्सन हमी औय फोरी :फटी भ ऩयी ह,औय भनेदख लरमा ह की तम्हाय अदय ऩयी फननेक सबी गन भौजद ह,भ तम्ह ियदान दती ह
,तभ जफ भया स्त्भयण कय क उड़ना चाहोगी उड़ सकोगी ,हभशा सफका बरा कयना ” विद्मा फहत खश हमी औय ऩयी का स्त्भयण कय अऩनेघय की औय उड़ चरी ,उसने
अऩन शजक्त स िो ऩा लरमा था जो िो ऩाना चाहती थी ,औय अऩनी इस अनोखी शजक्त स सफकी भदद कयनेरगी।