परी लोक का बगीचा और जादुई पंख हिंदी कहानि – Hindi Kahaniya- Animated Hindi Moral Stories
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परी लोक का बगीचा और जादुई पंख हिंदी कहानि – Hindi Kahaniya- Animated Hindi Moral Stories

परी लोक का बगीचा और जादुई पंख हिंदी कहानि – Animated hindi moral stories- hindi fairy tales Story
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Stories In this video Each frame Draw by Hindi Story Channel Animators
Story Board : Sikha Naari
Editor : Prabhu Da Samal and team
Story : Sikha Naari
Music & Voice : Neena Sabherwal

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परी लोक का बगीचा और जादुई पंख हिंदी कहानि
ऩयी रोक का फगीचा औय जादई ऩख
ऩरयमो क दश भ परो का एक फहत ही खफसयत ,फगीचा था जजसभ तयह तयह क
पर थे,सनहया पर,रुऩहरा पर ,रार ,गराफी, नीरा, कारा सतयगी औय इन परो की खशफ ऩय ऩयीरोक को भहकाती थी।
ऩय इस फगीचेभ ना तो कोई बवया आता ना ही कोई तततरी, जजसक कायण फगीचे की सम्ऩणता अधयी रगती ,सो ऩयी यानी नेइसका ऩता रगानेक लरए फहत ऩरयमो
को तनात कय ददमा ऩय कोई बी म ऩता नहीॊरगा ऩामा की आखखय वजह क्मा ह ? एक ददन लसऩाही ऩरयमो नेदखा, की परो क ऊऩय एक सतयगी तततरी उड़ यही ह, जो
जजतनी फाय ऩख पड़पडाती ह उतनी फाय ऩखो का यग फदर जाता ह ,ऩरयमा फहत खश हमी औय उन्होंनेम जानकायी तयत ही ऩयी यानी को दी ,ऩायी यानी तयत अऩने
उड़न खटोर भ फठ इस तततरी को दखनेआमी ,औय उन्होंनेदखा की मह तततरी यग बफयगी यौशनी स बयी हमी ह ,औय हय पर ऩय फठ फगीचेकी सदयता भ चाय
चाद रगा यही ह , यानी नेतततरी को अऩनेऩास आनेका इशाया ककमा , औय यानी क ऩास आत ही
तततरी स्वण ऩयी भ फदर गमी औय फोरी: ” यानी भाॉम भ ही ह औय आऩकी ख़शी क लरए भनेतततरी का वश धायण ककमा ह।
भनेऩता रगामा ह की खतयनाक याऺस ऩारकासय नेहभाय फगीचेकी खफसयती स जर कय सायी तततलरमों को क़द कय लरमा ह , औय ऩारकासय को ऩयशाॊकयनेक लरए भनेतततरी का वश धया ह ताकक वो भझ बी क़द कय र औय भझ ऩता रग
जाए की उसनेसबी तततलरमों को छऩा कय कहा यखा ह ,ताकक भ सबी को छड़ा सक औय ऩयीरोक क फगीचेकी शोबा फढा सक। ”
ऩयीयानी फहत खश हमी औय फोरी : प्मायी सवणाणअगय तभ अऩनी मोजना भ सपर हमी तो भ तम्ह भह भागा इनाभ दगी। ”
औय स्वण ऩयी कपय तततरी फन परो ऩय भडयानेरगी ,म खफय ऩारकासय क ऩास
बी ऩहची औय वह तयत ही स्वण को ऩकड़नेचर ऩड़ा ,औय उसनेजाद क ऩाश स स्वणाणको ऩकड़ कय साड़ी तततलरमों क साथ एक शीश क घड़ भ फद कय ददमा स्वण
ऩयी नेदखा सबी तततलरमाॉफहत उदास थी ,उसनेतततलरमों को अऩनी मोजना सभझामी औय जजस सभम याऺस सो यहा था वह अऩनेअसरी रूऩ भ आ गमी औय
घड़ का ढक्कन खोर ददमा , औय सबी तततलरमाॉउसक चायो तयप चचड़ड़मा क ऩख क रूऩ भ राइन रगा कय खड़ी हो गमी दखनेभ ऐसा रगता जस कोई फड़ा ऩऺी उड़
यहा हो औय स्वणाणसबी को र ऩयीरोक की तयप उड़ चरी ,इतनेभ याऺस की आख खर गमी उसनेदखा एक ववशार ऩऺी आस्भाॊऩय उड़ता हआ ऩयीरोक की तयप जा
यहा ह ऩय वो कछ ना सभझ ऩामा औय कपय सो गमा स्वण कछ ही दय भ ऩरयमा को र ऩयीरोक ऩहच गमी ,ऩयीरोक का फगीचा तततलरमों स बय गमा यग बफयग पॉर
तततलरमाॉसफ कछ फहत ही सदय था ,यानी भाॉको ऩता था की ऩारकासय वाऩस जरूय आएगा इसलरए सायी ऩयीरोक की सना को ऩयीरोक क फाहय खड़ा कय ददमा
,ऩारकासय को जस ही ऩता रगा की तततलरमाॉउड़ गमी वो ज़ोय स चचररमा औय ऩयीरोक की तयप फढ़नेरगा ,अबी वह कछ दय ही था की तततलरमों नेओस ऩय
धावा फोर ददमा कोई आख भ नाक भ कान भ घस ज़ोय ज़ोय स ऩख फ़ड़फ़ड़ानेरगी उस कछ नहीॊददख यहा था वो खद ही बागता हआ एक ऊचेऩहाड़ स चगय कय भय
गमा औय ऩयीरोक का फगीचा हभशा क लरए खफसयत हो गमा ,औय स्वणाणको ऩयी यानी नेअनोखेऩखो का उऩहाय ददमा जो दहरत ही अनोखी यौशनी स बय जात थेऔय चायो तयह यगबफयगी यौशनी फ़र जाती।
साया प्री दश स्वण ऩय नाज़ कयनेरगा।