परियों की सहेली | Hindi Kahaniya | Hindi Kahaniya- Animated Hindi Moral Stories- fairy tales
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परियों की सहेली | Hindi Kahaniya | Hindi Kahaniya- Animated Hindi Moral Stories- fairy tales

परियों की सहेली | Animated Hindi moral stories- Hindi fairy tales Story
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Stories In this video Each frame Draw by Hindi Story Channel Animators
Story Board : Sikha Naari
Editor : Prabhu Da Samal and team
Story : Sikha Naari
Music & Voice : Neena Sabherwal

Hindi Story is an official Hindi channel of Shrisansa Animstudio Private Limited.
Hindi story channel is making good animation videos.
Hindi Story channel videos have moral stories.
We are only done moral stories to provide good Ethic and moral values and Entertainment to my channel Viewers.
We posted All Videos Exclusively in Hindi Story YouTube Channel only.
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Hindi Kahaniya for kids :
ऩरयमों की सहरी
दव नगय क एक गयीफ ऩरयवाय भ सरवणा नाभकी स दय दमार औय भहनती रड़की यहती थी ,सरवणा की भाॉकी भत्म हए कई सार हो गए थेऔय भाॉकी भत्म क
फाद सरवणा क पऩता नेबी वयाग र लरमा था , सात सार की उम्र स ही सरवणा कड़ी म्हणत कय अऩना ऩट ऩारनेक साथ ही ,कई पवद्माओ भ बी ऩायगत हो गमी .
थी , एक फाय दश क याजा नेसबी स्त्रिमों की पवद्माओ की प्रतत मोगगता कयवाई स्त्जसभ तयह तयह की ऩयीऺाएॊथी, सरवणा नेबी उनभ बाग लरमा औय सबी प्रततमोगगताओ
भ प्रथभ रथान प्राप्त कय याजा की दमा औय आशीवाद की बयऩ य बागगदाय फनी ,याजा नेउस अऩनेभहर भ ही यहनेका रथान ददमा औय उसकी सभरत
स्त्जम्भदारयमाॊबी र री ,अफ वो याजकभायी क साथ हभशा यहती , ऩय याजकभायी को वो जया बी अच्छी ना रगती कम कक ,पवद्माओ भ ऩायगत होनेक साथ ही वो फहत
स दय बी थी महाॉतक की रोग उस ही याजकभायी सभझ लरमा कयत थे,. याजकभायी अऩनेपऩता की आऻा को तो भना नहीॊकय सकती थी ही सो उसनेखद ही सरवना
को अऩनेयरत स हटानेका पसरा कय लरमा ,औय एक यात उस पवष का शफत ऩीरा क सतनको द्वाया घनेजगर भ लबजवा ददमा ,इधय पवष का प्रबाव शयीय ऩय आनेस
ऩहर ही सरवणा नेपवष को अऩनेगर भ ही योक लरमा था इसलरए ,वो तयत उठ कय फठ गमी जगर भ चायो तयप घना अधया था ,तबी उसनेदखा जगर क अदय
एक सयोवय सनहरी यौशनी स बय गमा ह वो हयान हो गमी तबी उसनेदखा आकाश स एक क फाद एक ऩरयमा अऩनेयग बफयग ऩखो को दहरात हए उतयती औय कपय
ऩख सयोवय क ककनाय यख कय रनानॊकयती,फहत ही ख फस यत नज़ाया था ,तबी उसने दखा की एक कारा याऺस धीय धीय ऩरयमो क ऩखो की तयप फढ़ यहा ह वो जोय जोय
स गचल्रानेरगी ,जफ तक ऩरयमो का ध्मान उसऩय जाता याऺस ऩख उठा क बागने रगा ,सरवणा नेतयत अऩनी भन्त्ि पवद्मा स उस ऩत्थय का फना ददमा औय ऩरयमो क
ऩखो की यऺा की ,ऩरयमा फहत खश हमी औय उन्त्होंनेसरवणा को अऩना लभि फना
लरमा ,औय सरवणा स इतनी यात भ जगर आनेका कायण ऩ छा सायी फात जानत ही ,ऩरयमो नेसरवणा क लरए हय सख सपवधा स बया ख फस यत भहर फना ददमा
औय चायो तयप सकड़ो सवक स्त्जनकी सरवणा यानी थी ,औय ऩरयमा ऩयी रोक को रौट गमी ,सरवणा आयाभ स यानी की तयह ददन फीतनेरगी की एक ददन उसने
दखा की उसक दश की वही याजकभायी स्त्जसनेउस पवष ददमा था ,जगर भ बटक यही ह कम कक ककसी द सय याजा नेभहर ऩय कब्ज़ा कय याजा को भाय ददमा था औय
म याजकभायी अऩनी जान फचनेजगर भ आ गमी थी। सरवणा नेआदय ऩ वक याजकभायी को अऩनेभहर भ फरामा औय उसकी फहत
आवबगत की याजकभायी शभ स योनेरगी औय ऺभा भागनेरगी ,सरवना नेअऩनी ऩयी लभिो की सहामता स याजकभायी का याज्म उस कपय वाऩस ददरामा ,औय
याजकभायी नेसरवणा को हभशा क लरए अऩना लभि फनानेका तनणम लरमा,औय वाऩस आनेका तनभिण ददमा ऩय सरवणा नेकहा ,याजकभायी भझ आऩकी दोरती
रवीकाय नहीॊ,कम कक दोरत वो होत ह जो बफना कह ही लभि की ऩयशानी सभझ कय उस लभटात ह जस भयी लभि लभि ऩरयमो नेभय लरए बफना भाग सफ कछ ककमा ,औय
भय कहनेऩय आऩक लरए बी सहामता की ,ऩरयमा ही भयी सच्ची लभि ह औय भ ऩरयमो की ही सहरी ह ,औय वाऩस अऩनेसच्च लभिो क ऩास घनेजगर भ चरी
गमी.