अल्कोहल विथड्रावल सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं – डॉ. सुरेखा तिवारी
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अल्कोहल विथड्रावल सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं – डॉ. सुरेखा तिवारी

एक बोहता अच्छी कहावत है की शराब सिर्फ आदमी को नहीं पीती। शराब उसकी परिवार, उसके समाज , उसके सारे चीज़ों के अंदर ये आने लगे के ये शराब पीते है , वहां से ये ये सिंड्रोम जुड़ा जाता है क्यूंकि शराब शरीर के हर किस्से को असर करती है और उसमे से कोई असर एक नषे के अलावा उसके कोई असर पोसिटिव नहीं है क्यूंकि उसका एक्शन ब्लड या खून से ही होता है , हार्ट रेट बढ़ी है, और आप छी नींद सोती है लेकिन जब आप अगले दिन उठते है तो आपके सर में दर्द होता है , आपको लगता है की आपके नसे बहुत कमज़ोर हो गयी है , हाथ पेअर चलने को नहीं होते है। जब व देसीडे करते है की उन्हें छोड़ना है वो सिम्पटम्स से आप बता सकते है की उससे कितना असर था , आपका सांस लेना तक असर करता है , आपका स्टैमिना घटने लगता है। आपको लगता है की जब आप शराब नहीं पीती हो तो आपका सोच लॉजिकल नहीं होता है और इन चीज़ों से निकलने केलिए आप फिर शराब पीते हो क्यूंकि आपको लगता है की जब आप पी लेते हो तब मेरे अंदर बहुत साड़ी ताकत आती है , मेरे सोचने की शक्ति बढ़ जाती है और इसी चक्रव्यू में फस जाते है। कब ये सिंड्रोम बन जाते है ये नहीं कह पाते है। अल्कोहोल का सबसे बड़ा असर आपके लिवर पे होता है।लिवर शरीर का मास्टर ऑर्गन है। अआप्के शरीर में अगर आप एक गोली भी खाते है तो उसको पचाना और उसके टॉक्सिन्स को शरीर के बआहर फेंकना ये सिर्फ लिवर अकेले सम्हालता है। उससे बड़ी खूबसूरत चीज़ ये है की अगर एक इंसान का एक बता बारह प्रतिशत लिवर भी बच जाए वो तभी भी ज़िंदा रहता है। अल्कोहल एक ऐसी चीज़ है जो लिवर में एक ऐसी बिमारी पैदा करती यही जिसको सिरोसिस कहते है। धीरे धीरे लिवर में घंटे बनती है उसके बाद उस लिवर को रिकवर करना नामुनकिन होता है। जब सिरोसिस होता है तब पेट में पानी भर जाता है , पानी भरने लगता है , उसके बाद सांस फूलने लगता है क्यूंकि वो पानी फेफड़ों को काम नहीं करने देता है , तो रेस्पिरेटरी रेट अपने आप गिरने लगेगा , गिरने लगेगा , आपकोषिजेन लेवल्स काम हो जायेगी की ब्रेन समझ नहीं पाएगी। इन सारे फेनोमेनन को अल्कोहोल विथद्रवल सिंड्रोम कहते है। एहि सीढ़ी अगर आप उतरने लगेंगे तो उसको अल्कोहोल विथड्रावल कहते है। आपको लगेगा की आपका पाचन बोहत अच्छा रहता था दारू पीने से , कुछ समय केलिए वो कॉन्स्टिपेशन में चला जाता है। उसके बाद आपको नींद नहीं आएगी , हाथ पैर कांपने लगते है , हर समय पसीना आएगा और उस पसीने के साथ साथ ठण्डक सी रह जाती है की आप बार बार दारू पिके अआप्को चढ़के रखे है। इसको आप एक एक सीढ़ी उतार उतार के बाहर फ़ेंक सकते है। तो आप पेषयान्स रखिये। ये बिलकुल ठीक होता है।