इंसानों में बर्ड फ्लू | लक्षण, उपचार और रोकथाम – डॉ. आशूजीत कौर आनंद
Loading advertisement...
Preload Image
Up next

Video title

Cancel

इंसानों में बर्ड फ्लू | लक्षण, उपचार और रोकथाम – डॉ. आशूजीत कौर आनंद

बर्ड फ्लू , ये तो पक्षियों में पाया जाता है , उसको जो कीटाणु है और वो किसी वजह से इंसानों में भी पाया जाता है , वो तब जब हम पक्षियन को पालते है या उन्हें हाथ लगताते है , तो उसे इन्सानों को होने का खतरा है , अगर उस पक्षी में ये वाइरस पाया जाता है तो। इसलिए हम अगर पक्षी पालते है अपने घर में या कई लोग है जो चिकन खाते है , मुर्गी घोष खाते है , या बातक है, उसका भी सेवन करते है , तो अगर वो मांस घर में लाया गया है , तो उसे अच्छी तरह पकाइये। कच्चा मांस नहीं होना चाहिए। अच्छी तरह पका हुआ होना चाहिए और अगर हम पाल रहे है पक्षी तो उनको हाथ लगाने के बाद हाथ को अच्छी तरह से हाथ साबुन और पानी से धोना चाहिए ताकि वो बीमारी अगर पक्षी में है तो वो हमें ना आये और इसके लक्षण ये है की किसी भी सर्दी ज़ुखाम जिस तरह से होता है वही लक्षण बर्ड फ्लू में पाया जाता है इंसान में। तो हो सकता है की बुखार हो , गले में खराश या सर्दी के तरह नाक में से पानी बहता है या खासी आती है और कई बार कई लोगों में वो सर्दी जब ठीक नहीं होती तो उसे निमोनिया होने का दर होता है और जब अगर उसे निमोनिया होता है तो उसे सांस लेने में तकलीफ होती है , खासी काम नहीं होती है बुखार काम नहीं होता। उस समां हमें अपने डॉक्टर को जाके दिखाना चाहिए और पता करना चाहिए की ये निमोनिया के लक्षण तो नहीं है और उसका उपचार हो सके। तो अपने आप को सावधान रखिये। पक्षी वगैरा को अगर हाथ लगते है तो अपने हाथ अच्छी तरह साफ़ कीजिये और कोशिश करिये की पक्षियों से दूर रहिये और अपने आप को सुरक्षित रखिये।