क्या हैं होम्योपैथिक इलाज अगर बार बार हो रहे हो गॉल स्टोन्स? – डॉ. सुरेखा तिवारी
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क्या हैं होम्योपैथिक इलाज अगर बार बार हो रहे हो गॉल स्टोन्स? – डॉ. सुरेखा तिवारी

होमेओपती एक ऐसा चिकित्सा की विषय है जोकि ये मानती है की आपका अपना शरीक बहुत पावरफुल है कोई भी बिमारी से लड़ने की। किसी भी डॉक्टर का या किसी भी दवाई का रोले सिर्फ ये होता है की वो शरीर को ताकत दे ताकि वो उस बिमारी से लड़ सके। आपका अपना सहरीर आपका अपना चिकित्सक है लेकिन हमें उसको मौका देना पड़ेगा। हमारे की खान पान के प्रॉब्लम के वजह या जीवन सही के वजह से बिमारी आती है। उनको ठीक करने केलिए जो अल्ट्रेशन चाहिए, वो आपको ईमानदारी से निभाए तो आपको कोई दिखात नहीं करती होगी और होमेओपती इस प्रोसेस में १०१ % आपको सप्पोर्ट करती है। होमेओपती तीन लेवल्स में काम करती है। सबसे पहले हम दवाई देते है ताकि आपका लिवर फंक्शन ठीक कर सके। आपके लिवर एन्ज़ाइम , बैल की क्वालिटी , लिवर के आउटपुट , ये सब को सप्पोर्ट देके हम लिवर को पावरफुल बनाते है। जो गल्ल ब्लैडर के अंदर जो सूजन आ जाती है पथरी के होने के वजह से उस सूजन की बोहत इलाज है। उस से हम इसको ठीक कर सकते है , आपका सार्ड और आपका कोलिक का जो प्रॉब्लम उनको ठीक किया जा सकता है। तीसरा, आगे फुचर में ये न हो की आपका जो समस्या है उनके अनुसार। सब थेरपीएस की अपनी लिमिटेशन होती है। फंक्शनल लेवल पे होमेओपती बोहत ही अच्छी चीज़ है। लेकिन २ % केस में ये पाया जाता है जब पित्त की थैली की नैक में , उसका बहुत पतला सा नेक या गाला होता है और उसमे अगर पथरी अटक जाता है तो उसका कोई रास्ता नहीं है। तब बात एमर्जेन्सी की होती है तो एमरजेंसी हो जाती है। तो जब बात एमरजेंसी की हो जाती है तब सर्जरी करानी चाहिए। आपमें से जिसको ये प्रॉब्लम हो वो प्रॉपर्ली उल्ट्रासॉउड कराना चाहिए , अपना लिवर फंक्शन टेस्ट तो उसको ेल ऍफ़ टी , वो करवाए , उसको ठीक से अपने डॉक्टर के साथ फॉलो आप करे घर बैठके दवाई खाना किसीको होमेओपती की दवाई किसी ने लिखके दी , इस कास में सही नहीं है। जैसे ही आप किसी डॉक्टर के पास जाट है ठीक उसी तरह से किसी भी एक डॉक्टर के पास जाए , ठीक उसी तरह आप किसी होमियोपैथ के पास भी जाए और आप अपना इलाज कराये। इसका मुकम्मल इलाज पॉसिबल है।