मेरी आंखों में दबाव क्यों महसूस होता है? क्या यह आपातकाल है? – डॉ. सुनीता राणा अग्रवाल
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मेरी आंखों में दबाव क्यों महसूस होता है? क्या यह आपातकाल है? – डॉ. सुनीता राणा अग्रवाल

जब भी आंख के अंदर का प्रेषर बढ़ता है वो हमेशा एक एमरजेंसी ही होती है । प्रॉब्लम ये है की वो इतने धीरे धीरे बढ़ता है की आपको पता भी नहीं चलता है । इसको हम कहते है रात का चोर। इसी तरह से जब आपके आँख के अंदर का प्रेशर बढ़ता है तब वो एक एक नस को मारता रहता है । 30 मम मेरकुरी एक मिनट केलिए एक नस को मारता है । हमारे पास एक आँख में 1 मिलियन अक्सॉन्स है . एक ैक्सों मर जाता है एक एक मिनट में । ये इतना धीरे प्रोसेस है लेकिन कभी कभी एहि प्रेशर अचानक बढ़ने लगता है । तब तो बहुत दर्द होती है और आपको डॉक्टर के ऑफिस में जाना ही पड़ता है । ज़्यादातर क्यों ोग डॉक्टर के पास आते है? क्यूंकि उनको दर्द है । और हमारा काम है की दर्द निकालना । वो दर्द नकालने का एक जरिया है की हम ाफी का खू लेके उसको और मज़बूत करके ाफी को इंजेक्शन देते है । ऐसे तो दर्द भी कम होगा और प्रेशर भी कम ।