Mini Laparoscopy vs ओडिनरी लेप्रोस्कोपी। मिनी-लेप्रोस्कोपी प्रोसीड्योर – डॉ.नंदा रजनीश
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Mini Laparoscopy vs ओडिनरी लेप्रोस्कोपी। मिनी-लेप्रोस्कोपी प्रोसीड्योर – डॉ.नंदा रजनीश

हमको ये मालूम है की लप्रोस्कोपिक सर्जरी में कट करके हम सर्जेरी पर मिनी लैप्रोस्कोपी (Mini Laparoscopy ) में छोटा कट करते है। ये करते है जबकि नोर्मल्ली तिसुएस को निकालना है तब करते है जैसे की कोलोन कैंसर सर्जरी किया है या किडनी कैंसर सर्जरी किया है लैप्रोस्कोपी में , लेकिन जो ट्यूमर रहता है वो बड़ा रहता है , और उस तिसु को हम क्रश करके निकाल नहीं सकते है क्यूंकि हमको वो बाहर आने के बाद उसको स्टडी करना भी होता है जैसे की ट्यूमर के मार्जिन्स, वो कहा तक फैलता है और हम इसको क्रश करके बैग में डालके नहीं निकाल सकते है। तो ३ तो ४ कंस इंकिसिओं करके हम हाथ डालके हम निकालते है। इसका फ़ायदा ये है की पहले इसका जो डेप्थ रहता है और टिशू को निकालने केलिए जो जगह बनाया हुआ है वो बहुत अच्छा रहता है। जहा कट रहता है वह स्कार होता है और हम बहुत छोटा सा कट करके टिशू को निकाल सकते है। जब हमें हैंड असिस्टेड लैप्रोस्कोपी सर्जरी करना है , तब भी हम मिनी लैप्रोस्कोपी का इस्तेमाल करते है। जब लैप्रोस्कोपी करते है तो एक हाथ को अंदर डालते है और दूसरा हाथ से लैप्रोस्कोपी करते है। इसका फायदा ये है की जो लैप्रोस्कोपी का फ़ायदा है मिलता है और बहुत छोटा सा कट रहता है जिसको मनोज करने केलिए मुश्किल नहीं है।
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