Photofacial क्या है? क्या यह चेहरे पर सन स्पॉट से राहत दे सकता है? – डॉ. उर्मिला निश्चल
फोटोफेशल वो फेसिअल है जो हम लेज़र या लाइट से करते है। लाइट का मतलब है इंटेसने पैसे लाइट जिसे की ऐ पी एल भी बोलते है और लाइज़र जैसे की क्यू स्विचड एन डी याग रहा। तो इसमें क्या लाइज़्सेर का जो वेवलेंग्थ होते है या लेत होती है वो स्किन की डीप लेयर्स तक जात्ती है। तो उसके कारण क्या होता है की कोलाजेन जो होता है वो स्टिमुलते हो जाता है , लास्टिक फाइबर्स ज़्यादा बनते है। तो इसको अन्तिअगिन्ग िफिक्ट देते है। जब हम ये लगातार करते है एक एक महीने में तो हमें ऊपर स्किन में जुड़िये या फाइने लाइन्स होते है व भी काम हो जाते है और त्वचाः के ऊपर जो ब्राउन स्पॉट्स होते है या फ्रेकल्स बोलते है , वो भी लाइट हो जाते है क्यूंकि ये जो लाइज़र वाले झुरिया वावेवलेंथ होते है उसको ये डिस्ट्रॉय करता है , मतलब उसको निकाल देते है , उसके छोटे छोटे टुकड़े बनते है और फिर होने शरीर के सेल्स जो होते है वो अब्सॉर्ब करके फिर चले जाते है। लाज़र या लाइट से दोनों से हमें फ़ायदा होता है। लाइट में इंटेंस पैसे लाइट है और वो भी उसी तरीके से काम करती है और लेज़र भी उसी तरीके से काम करते है। तो बोलते है की फोटोतेहरमल या फोटोअकूस्टिक इफ्फेक्ट। ये दोनों के कारण अंदर के सेल्स है वो स्टिमुलेट हो जाते है। तो उसका प्रोडक्शन ज़्यादा। अंदर जो भी बनता है वो स्ट्रांग होता है और व ज़रिया वगैरह काम हो जाती है और वो वन स्पियस हो जाते है वो बभी मेलेनिन या लेज़र लाइट जजों होते है उसके वजह से बह काम होते है।
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